भारत दुनिया सातवें सबसे ताकतवर शक्ति है। यह हम नहीं बल्कि फाउंडेशन नेशनल सिक्योरिटी रिसर्च की रिपोर्ट कह रही है, जिसमें भारत को सातवें पायदान पर दिखाया गया है। इस लिस्ट में टॉप 27 देशों को दिखाया गया जिसमें टॉप टेन में भारत को शुमार किया गया है। इस अध्ययन के मुताबिक भारत की आर्थिक काबिलियत को आठवें पायदान पर रखा गया है,जबकि सैन्य क्षमता को सातवें स्थान पर रखा गया है।
इस सूची को बनाते समय विभिन्न देशों में सुरक्षा, तकनीक, एनर्जी, समेत कई तथ्यों को ध्यान में रखा गया है। इस सूची के एक इंडेक्स में विदेशों से संबंधों को भी रखा गया है। इसके तहत रक्षा में आत्मनिर्भरता बनाने और विश्वस्तरीय कंपनियों की मौजूदगी को भी शामिल किया गया है। इसमें जहां अमेरिका के बाद चीन को दूसरा स्थान मिला है वहीं भारत और चीन का आंकलन भी किया गया है।
प्रोफेसर सतीश कुमार के मुताबिक इस सूची को बनाते समय किसी देश की जनसंख्या उसकी सामरिक ताकत और वहां मौजूद आधुनिक तकनीक को भी निगाह में रखा गया है। इसके वहां की अर्थव्यवस्था के आकलन के लिए उक्त देश की जीडीपी को भी ध्यान रखा है। इस सूची में वही देश शामिल हैं जिनका जीडीपी पांच बिलियन यूएस डॉलर से अधिक है और रक्षा खर्च पांच बिलियन डॉलर से अधिक है।
इसमें दो राय नहीं है कि अमरीका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है और वह अपने निकटत प्रतिद्वंद्वी चीन से काफी आगे है। अध्ययन में पाया गया कि चीन अमरीका से ऊर्जा सुरक्षा, प्रौद्योगिकी क्षमता और विदेशी मामलों अमरीका से काफी नीचे है। यहां तक कि आर्थिक और सैन्य क्षेत्रों में भी अमरीका चीन से काफी आगे है।
इस अध्ययन के मुताबिक भारत की आर्थिक काबिलियत को आठवें पायदान पर रखा गया है,जबकि सैन्य क्षमता को सातवें स्थान पर रखा गया है। प्रौद्योगिकी क्षमता में भारत को काफी नीचे,17वें स्थान पर रखा गया है। वहीं,ऊर्जा सुरक्षा को लेकर भारत 20वे स्थान पर है।
अध्ययन में कहा गया है कि भले ही भारत विदेश मामलों में महारत हासिल होने की बात करें,लेकिन इस मामले में वह 11वें पायदान पर है। इसमें अभी बहुत सुधार की जरूरत है। भारत सैन्य उपकरण,साइबर और अंतरिक्षक सुरक्षा एवं सैद्धांतिक मामलों में भी भारत बहुत नीचे है। जनसंख्या क्षमता को लेकर भारत को काफी अंक दिए गए हैं। हालांकि अध्ययन में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि जनसांख्यिकी लाभांश जिम्मेदारी बन जाएगी अगर देश ने अपने ही लोगों के विकास मे निवेश नहीं किया। वहीं,मानवशक्ति सूचकांक में चीन भारत से बहुत आगे है। इस मामले में चीन को भारत के 87.5 अंकों के मुकाबले 100 अंक मिले हैं।
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