डॉ राज कुमार सिंह |
भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से होता है । अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यतः गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन और नाभिकीय परीक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।प्राकृतिक कारणों को छोड दे ,मानवजनित कारणों पर सोचना होगा। नदियों के बांध,जंगलों की कटाई ,खनन ,जल दोहन पर पुनर्विचार करना होगा।पर्वतों के भी रक्षा जरुरी है।
भूकंप के झटकों ने इंसान को उसकी ताकत का एहसास करा दिया।चंद मिनट के कम्पन ने आशियानो को ढहा दिया और प्रलय का एहसास करा कर रूहों को काँपने पर मजबूर कर दिया।बचे लोग लाखों करोड़ों के आशियानों को छोड़कर सडकों पर आ गए। ये वही आशियाने थे जिसके निर्माण के लिए इंसान प्रकृति और न जाने किस किस का शोषण करता है। प्रकृति भी कोई चीज है भूलिए मत। सबक लेना होगा। अब तो पर्वत,जल- थल ,वन और वायुमंडल का दोहन बंद होना चाहिए,वर्ना और भयानक स्थिति उत्पन्न होने से कोई रोक नहीं पायेगा। सरकारों को भी पर्यावरण की रक्षा के लिए ठोस कानून बनाने और कठोरता से उनके पालन का प्रबंध करना होगा।
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