आज लग रहा है अपने बनारस में हूँ ।
डेढ़ महीने तक तो देश भर के स्वयं घोषित ज्ञानियों ,ऋषियों,संतों,नेताओं,मीडिया कर्मियों की आयातित फ़ौज ने खूब ज्ञान बाटा और अपना ज्ञान बढाया भी।शहर के होटल लाज से लेकर घर तक मतलब से आए लोगों से भरा था।अपने बनारस के लोग अजूबों के साथ या तो खो गए थे या खातिरदारी में लग गए थे। आज खाली हुए है गली मोहल्ले और चौराहे पर दिख रहे है। अपने पन का अहसास हो रहा है।अनिष्ठ,अफवाह की ख़बरों के इतर मन शांत है। आज बनारस का रस वापस लौट आया है।क्यों।₹₹₹हर हर महादेव₹₹₹
Editor - Daily Janwarta / www.janwarta.com. President - All India Journalist Association.
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