आर्थिक मुद्दे पर सरकार को आत्ममंथन की आवश्यकता है।जीडीपी घट रही है,बेरोजगारी बढ़ रही है,किसान मर रहे है, एनपीए बढ़ रहा है,उत्पादन और निवेश घट रहा है,खुदरा व्यापार में वृद्धि मामूली हो गई है।व्यापारी परेशान है,विद्यार्थी भविष्य को लेकर शशंकित है।ऐसे में जीएसटी और नोटबन्दी से क्या लाभ हुआ।अंतरराष्ट्रीय एजेंसिया कहती है भ्रष्टाचार बढ़ा है।सरकार को इस दिशा में गंभीरता से सोचना होगा।कही अपने निर्णय सके सही साबित करने के चक्कर मे देश काफी पीछे न चला जाए।
Editor - Daily Janwarta / www.janwarta.com. President - All India Journalist Association.
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