(डा राज कुमार सिंह )
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में ऐतिहासिक बजट पेश किया।बजट ऐतिहासिक इस मायने में था क्योंकि दो परंपराएं टूटी, एक बजट समय से पूर्व 1 फरवरी को ही प्रस्तुत कर दिया गया, दूसरा इसमें रेल बजट को भी समाहित कर लिया गया। रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहले ऐसे मंत्री बन गए हैं जिन्होंने बजट नहीं दिया।नोट बंदी में धक्के खाने के बावजूद सरकार के साथ खड़ी जनता को बजट में उम्मीद के मुताबिक नहीं मिला। साढ़े 12 हजार रुपए का टैक्स छूट देकर सरकार ने राहत पहुंचाई पर यह राहत ऊंट के मुंह में जीरा ही है।
Add caption |
कभी महात्मा गांधी रोजगार योजना (मनरेगा )को यूपीए सरकार की विफलता का प्रतीक बताने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, के वित्त मंत्री ने इस योजना का बजट बढ़ाकर यह सिद्ध कर दिया कि यह योजना वास्तव में देश में बेरोजगारी दूर करने वाली योजना है। इस योजना के चलने से देश के बेरोजगारों को रोजगार तो मिला है, साथ ही विकास के काम भी निगरानी में हो सके हैं। ऐसी स्थिति में जब पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव रहे हो और नोट बंदी मुद्दा हो, सरकार बजट में कड़े प्रावधान प्रस्तुत करने से बचती दिखी। लोगों को टैक्स स्लैब बढ़ाने के अलावा कोई बड़ी राहत भी सरकार नहीं दी। budget 2017-2018#modi#arun jetli#janwarta#rajkumarsingh#editor#varanasi
Comments
Post a Comment